विज्ञान संगोष्ठी
से भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय के राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिष्द् द्वारा विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय विज्ञान संगोष्ठी १९८२ आयोजित की जाती है जो राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक प्रभावी एवं लोकप्रिय वार्षिक कार्यक्रम है। इस संगोष्ठी में राष्ट्र के स्कूली विद्यार्थियों को शामिल किया जाता है जो समाज के लिए वर्तमान विज्ञान प्रौद्योगिकी में संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों की बारीकी से जॉंच करते हैं और इन मुद्दों पर देश के विद्यार्थियों तथा वैज्ञानिक समुदाय के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। इस प्रकार से महत्वपूर्ण एवं स्वतंत्र विचारों को बढ़ावा मिलता है और संगोष्ठी के विभिन्न विषयों पर मौलिक विचारों का निर्माण होता है। प्रति वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान संगोष्ठी के लिए वैज्ञानिकों के विशिष्ट पैनल द्वारा नये विषय का चयन किया जाता है जो प्रासंगिक एवं रोचक होता है। इसके बाद इसे विज्ञान केन्द्रों के राविसंप के राष्ट्रीय नेटवर्क, राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों के माध्यम से देश के स्कूलों में परिचालित किया जाता है जिसके साथ संगोष्ठी के प्रारूप, भागीदारी के लिए प्रक्रिया, नियम-विनिमय इत्यादि का विवरण संलग्न होता है।